सत्संग के दौरान भगदड़, महिलाओं-बच्‍चों सहित 122 की मौत, 150 लोग घायल

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र में बड़ा हादसा हुआ है। यहां के रतीभानपुर गांव में चल रहे भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 122 लोगों की मौत हो चुकी है। कई की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हादसे पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, 'हाथरस जिले में हुई दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक भक्तों की मौत का समाचार हृदय विदारक है।' मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हादसे से मन अत्यंत व्यथित है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ईश्वर उन्हें कष्ट सहने की शक्ति दें।
घटनास्थल एटा सिकंदराराऊ के बॉर्डर पर है। घायलों को बस-टैंपो में लादकर जिला अस्पताल लाया गया है। अब तक 27 शव एटा पोस्टमार्टम गृह पर लाए गए हैं। मृतकों में 23 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल मौके पर पहुंच गए हैं।
एटा शहर के मोहल्ला वनगांव के रहने वाले रामदास की पत्नी सरोज लता की भी मौत हो चुकी है। उनके बेटे और बहू की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि मृतक हाथरस और एटा के रहने वाले हैं। मृतकों के शवों को अलीगढ़ और एटा पहुंचाया जा रहा है।
एटा एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक आयोजन चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई। एटा अस्पताल में अब तक 27 शव आ चुके हैं, जिनमें 23 महिलाएं, 3 बच्चे और 1 पुरुष शामिल हैं। आगे की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को पचास-पचास हजार की आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, दोपहर 12.30 बजे सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाजे से निकाला जा रहा था। सिकंदराराऊ मे सड़क के किनारे चार फीट नीचे का दलदल ही मौतों की वजह बना। प्रारंभ में कुछ लोग यहां गिरे और उसके बाद भगदड़ ऐसी मची कि सौ से ज्यादा की मौत हो गई।
हाथरस डीएम आशीष कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। लोगों का इलाज जारी है। कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति एसडीएम ने दी थी। यह एक निजी कार्यक्रम था। उन्होंने कहा, 'मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। प्रशासन का प्राथमिक ध्यान घायलों और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद प्रदान करना है।'
एटा जिले के पटियाली के गांव बहादुर नगर के जाटव परिवार में जन्मे सूरज सिंह पाल एलआईयू में पुलिस कांस्टेबल के पद पर नौकरी करते थे। 17 साल पहले अलीगढ़ में तैनाती के दौरान सत्संग शुरू किया। कुछ समय बाद नौकरी से इस्तीफा देकर पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए।
साकार विश्व हरि ने अपना आश्रम पटियाली में बनाया। भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। वह मीडिया से दूरी बनाए रहते हैं। सत्संग की व्यवस्था अनुयायी ही संभालते हैं।