लक्ष्मण सिंह ने की मोदी की तारीफ, लिखा- ध्यान लगाने पर आपत्ति करना विपक्ष की घबराहट, ...आरोपितों का जुलूस , रिमांड 12 जून तक, ...पैसेन्जर मे चोरी, सोना और नगदी ले गए चोर, ...1962 कॉल सेंटर से पशुओं का हो रहा इलाज

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गुना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विवेकानंद रॉक में ध्यान लगाने को लेकर देशभर में सियासत के बीच कांग्रेस नेता के समर्थन से मध्यप्रदेश में भी सियासी बवाल मच गया है। अपने बेबाक राय और पार्टी गाइडलाइन के खिलाफ खुलकर अपनी राय व्यक्त करने वाले कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है। दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने अपने ही नेताओं की आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (X) पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वालों को विकृत मानसिकता का प्रतीक बताया है। लक्ष्मण सिंह ने X पर लिखा- मोदीजी के ध्यान लगाने पर भी आपत्ति करना एक विकृत मानसिकता का प्रतीक है। विपक्ष अपनी घबराहट प्रदर्शित कर रहा है। आपको ध्यान लगाने से कौन रोक रहा है।
लक्ष्मण सिंह के पोस्ट पर कांग्रेस में ही विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता अमित शर्मा ने उनके बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि- कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कसीदे पढ़ने नहीं बैठी है। अपने बयान पर लक्ष्मण सिंह को आत्म चिंतन करना चाहिए। देश में जो घटनाएं हो रही उसकी आलोचना होना चाहिए। दिग्विजय सिंह के एक परिवार में दो चेहरे हैं। एक दिग्विजय सिंह जिन्होंने मध्यप्रदेश को सीचने के लिए अपना कतरा तक दिया है। लक्ष्मण सिंह के पीएम मोदी के ध्यान लगाने से जुड़े पोस्ट का ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने समर्थन किया है, उनका कहना है कि विपक्ष के पास कोई एजेंडा ही नहीं है। एजेंडाविहीन विपक्ष है सिर्फ राजनीति में जिंदा रखने के लिए अनर्गल बातें करना, टिप्पणी करना, उस पर रिएक्शन हो जिससे वह राजनीति में जिंदा बने रहे इसलिए यह सब करते हैं।
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आरोपितों का जुलूस निकालकर न्यायालय में पेश किया, ज्यूडिशियल रिमांड 12 जून तक
गुना। गुना कैंट क्षेत्र के मावन गांव निवासी बंजारा समाज के एक युवक के साथ राजस्थान में अमानवीय कृत्य करने वाले सात में से चार आरोपित पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए हैं, जिन्हें बुधवार को जुलूस निकालकर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जबकि दो अन्य की तलाश के लिए पुलिस टीम आगर जिले में गई हुई है, जबकि एक आरोपित की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।
ज्ञातव्य हो कि मावन गांव के रहने वाले महेंद्र बंजारा को बीती 22 मई को कुछ लोगों द्वारा जबरन उठाकर अपने साथ कार द्वारा राजस्थान ले जाया गया और वहां युवक के साथ अमानवीय व्यवहार किया। इस दौरान युवक का मुंडन कर जूतो की माला पहनाई और पेशाब पिला कर महिलाओं के वस्त्र पहनाकर नाच कराया। युवक को दो दिन तक बंधक बनाया और कुछ खाने भी नहीं दिया। युवक को उसके भाई ने 25 लाख रुपये आरोपितों को अदा करने की गारंटी देकर बमुश्किल छुड़ाया। इसके बाद पुलिस से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो एसपी को आवेदन दिया। इसके बाद फतेहगढ़ पुलिस ने मामले में सात लोगों के खिलाफ अमानवीय व्यवहार करने, बंधक बनाने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच की। पीड़ित युवक ने आरोपितों को तीन में गिरफ्तार करने की मांग की थी और कहा था अगर आरोपिताें की गिरफ्तारी नहीं होगी तो वह आत्महत्या कर लेगा।
युवक की शिकायत पर एफआईआर के बाद एसडीओपी विवेक अष्ठाना ने बमोरी, फतेहगढ़ पुलिस के साथ बड़ी संख्या में पुलिसफोर्स ले जाकर राजस्थान में आरोपितों को पकड़ने दबिश दी, इस दौरान राजस्थान की अटरू पुलिस का भी सहयोग लिया। इसके बाद आरोपित चार सगे भाई रमेश, गुमान, जगदीश और तोफान पुत्रगण बालू बंजारा को राजस्थान के बारां जिले के अटरू थानाक्षेत्र के अलदान गांव से गिरफ्तार कर गुना लाया गया। युवक के साथ आमनवीय कृत्य करने वाले आरोपितों का जुलूस बुधवार को दोपहर तेलघानी चौराहा से हनुमान चौराहा होते हुए न्यायालय तक निकाला और आरोपितों को न्यायालय में पेश किया।
फतेहगढ़ थाना प्रभारी कृपाल सिंह ने बताया कि मामले के दो आरोपित छोटे और बदन सिंह बंजारा भाग गए हैं, जिन्हें पकड़ने आगर जिले में गुना की पुलिस टीम गई है। जबकि एक अन्य ओमकार नाम के आरोपित की पहचान नहीं हो पा रही है। ऐसा लग रहा है फरियादी ने गलत नाम एफआईआर में लिखा दिया। इसकी जांच चल रही हैं। न्यायालय में पेश किए गए सभी चारों आरोपित को ज्यूडिशियल रिमांड पर 12 जून तक लिया गया है, इस दौरान वह विवेचना होने तक जेल में रहेंगे।
यह है पूरा मामला-फरियादी महेंद्र बंजारा ने बताया था कि वह गोबर खाद खेतों में डालने का काम करता है। घटना के दिन भी वह भौंरा गांव में एक खेत में गोबर खाद डालने का काम कर रहा था। इसी दौरान आरोपित उसे फतेहगढ़ के सेनबोर्ड चौराहा के पास से उठा कर ले गए थे। आरोपित जीजा रमेश उसे ठंडा पानी पाटन गांव में पिलाने की कहकर झांसा देते हुए ले गया था। उसका कहना है कि उसकी चचेरी बहन संगीता की शादी आरोपित रमेश के भाई जगदीश से हुई थी। लेकिन ससुराल में परेशानी के कारण वह घर आ गई थी, जिसे हमने समझा कर वापस भेज दिया था। लेकिन वह फिर से चली गई। इस पर आरोपित संगीता को वापस घर भेजने की बात कह रहे थे। तभी से हमारे पीछे हाथ धोकर पड़े थे। चाचा हाथ नहीं लगे तो मुझे उठा ले गए और मेरे साथ अमानवीय कृत्य किया। जबकि हमें नहीं मालूम संगीता कहां है। हम उन्हें संगीता को मिलकर ढूंढ़ने की बात भी कह रहे थे।
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नागदा बीना पैसेन्जर मे चोरी, सोना और नगदी ले गए चोर, ...1962 कॉल सेंटर से पशुओं का हो रहा इलाज
गुना। फरियादी शाहिद खान थाना आकर एक टाईपशुदा आवेदन दिया , कि मैं प्रार्थी शाहिद खान पिता लतीफ खान उम्र 42 साल निवासी वार्ड न. 11 , कटरा मोहल्ला थाना कोतबाली जिला अशोकनगर का निवासी होकर दिनांक 26.05.2024 को अपनी पत्नी शैला खान व अपने बच्चे के साथ ट्रेन नागदा बीना पैसेन्जर के जनरल कोच से उज्जैन से अशोकनगर की यात्रा कर रहा था यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन गुना से निकलने के 5 मिनट बाद मैने अपना बैग जो ऊपर बाली सीट पर रख दिया था निकाल कर देखा तो बैग की चैन खोलकर अंदर का कपडा काटकर कोई अज्ञात बदमाश एक सोने की अंगूठी कीमती 7781 रूपये तथा एक जोडी कान की बाली कीमती 1550 रूपये तथा नगदी 4500 रूपये तथा एक फायरवोल्ट स्मार्ट बांच कीमती 1500 रूपये कुल कीमती 15,331 रूपये निकाल कर चोरी कर लिया । उपरोक्त विवरण पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया ।
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1962 कॉल सेंटर से एम्‍बुलेंस द्वारा पशुओं का हो रहा इलाज
गुना। उप संचालक पशु एवं डेयरी विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में कॉल सेंटर 1962 में पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं की बीमारी के संबंध में कॉल
पहुंचते ही कुछ ही समय मे मौके पर पशु चिकित्सक मेडिकल वैन के साथ पहुंच कर इलाज की सुविधा दी जा रही है। पहले डायल 100 और 108 वाहन सेवा
उपलब्ध थी। इसी क्रम में पशुओं के इलाज के लिए डायल 1962 पशु संजीवनी सेवा पिछले लगभग 10 माह में गुना जिले में संचालित 1962 पशुधन संजीवन
योजनान्तर्गत चलित पशु चिकित्सा इकाई में 7685 पशुपालकों ने लाभ लिया गया है। हालांकि यह सेवा फ्री नही है। 150 रुपये का शुल्क म०प्र० शासन द्वारा
निर्धारित किया गया है।
उन्‍होंने बताया कि गुना जिले में कुल 08 वेटनरी मेडिकल वैन संचालित हैं। ज्ञात है कि पिछले साल 15 मई से 1962 पशु संजीवनी योजना के चलित
वाहन की शुरुआत हुई। योजना का सही तरीके से संचालन हो इसके लिए कॉलर को 1962 टोल फ्री नंबर पर फोन लगाना होगा। कॉल सेंटर पर फोन लगाते ही
वहां बैठे विशेषज्ञ को पूरी बात बतानी होगी, ताकि अधिकांश समस्या का समाधान फोन पर ही हो जाए। जब पशु मालिक पशु से संबंधित सटीक जानकारी देगा
उसके बाद कॉल सेंटर के विशेषज्ञ से क्षेत्र के मेडिकल वैन पर मौजूद डॉक्टर को पशु की समस्या से अवगत कराएंगे और टीम उस स्पॉट पर जाकर पशु का इलाज
करेगी।